एक डाक्टर की कहानी जिसमें उसके पिता से उसकी मुलाकात भी इंतजार की लंबी यात्रा में एक स्वाति की बूंद क... एक डाक्टर की कहानी जिसमें उसके पिता से उसकी मुलाकात भी इंतजार की लंबी यात्रा में...
अनूप पतंग उड़ाने में बहुत होशियार है, आज के दिन बीस पतंग तो वह जरूर काटता है।“ अनूप पतंग उड़ाने में बहुत होशियार है, आज के दिन बीस पतंग तो वह जरूर काटता है।“
एक लघुकथा। एक लघुकथा।
बस के इंतजार में मैं रुका था और वो भी, रात काफी हो गयी थी इसलिए जाने से पहले उससे भी पूछ लिया, अभी ... बस के इंतजार में मैं रुका था और वो भी, रात काफी हो गयी थी इसलिए जाने से पहले उस...
बिना श्रृंगार स्त्री अधूरी है सच हि तो कहते हैं। यही बड़बड़ाते हुए मैं चाय बनाने लगी। बिना श्रृंगार स्त्री अधूरी है सच हि तो कहते हैं। यही बड़बड़ाते हुए मैं चाय बनाने ल...
लेखक: बरीस अल्माज़व अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखक: बरीस अल्माज़व अनुवाद: आ. चारुमति रामदास